आज search my child, शिक्षा से शिखर तक व रोटरी क्लब वैशाली ने साथ मिलकर प्राथमिक विद्यालय झंडापुर साहिबाबाद मे बच्चों को स्वच्छ भारत अभियान के बारे मे और बच्चों की सुरक्षा के विषय मे जागरूकता अभियान चलाया ।
मंजू भदोला जी,अनुपमा जी,रचना जी,वृद्धि जी,चंद्रकला जी,रेखा जी,राखी जी,नीतू जी , विक्रम सबरवाल जी ,रोटरी वैशाली के प्रेजिडेंट पीयुष जिंदल जी,शिक्षा से शिखर तक की अध्य्क्ष रजनी जोशी जी को तहे दिल से आभार व विशेष आभार स्कूल की प्रधानाचार्य संगीता बहुखंडी जी का जिन्होंने हमें जागरुकता अभियान मे अपना पूर्ण योगदान दिया।
आज टीम संस्था (शिक्षा से शिखर तक)व टीम रोटरी क्लब वैशाली,की मंजू भदोला जी के विशेष सहयोग से व संस्था
( सर्च माय चाइल्ड) संग संयुक्त तत्वाधान मे प्राथमिक विद्यालय झंडापुर साहिबाबाद मे जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें हमारी संस्था द्वारा पोलेथिन के दुष्परिणाम, पानी का बचाव, स्वच्छ शहर, व ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाकर अपने शहर व देश को प्रदूषण मुक्त वातावरण व शहर को शुद्ध बनाने की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए
(My Citi My Nation)के बारे मे पूर्ण जानकारी देकर 200 बच्चो को जागरूक किया गया।
जिससे कि आने वाली इस पीढ़ी को इसके दुष्परिणामो से बचाया जाए व एक सशक्त भारत के निर्माण मे हर बच्चा अपनी भूमिका निभाये जागरूक किया गया।
आज यदि जमीनी स्तर पर बदलाव की जागरूकता की जरूरत है तो वो समाज के इन बच्चो को हैं जो इस प्रदूषण के वातावरण से अनभिज्ञ है यदि आज इनमें बदलाव आया तो स्वयं ही आसपास का वातारण सुधरने लगेगा और हमारा शहर गाज़ियाबाद जल्दी ही प्रदूषण मुक्त शहरों मे शामिल होगा जरूरत है तो हमें ज्यादा से ज्यादा जागरुक करने की।
साथ ही बच्चो को माननीय प्रधानमंत्री जी के
स्वच्छ भारत अभियान के बारे मे पुनः जागरूक किया गया।
एकतरफ जहाँ (सर्च माय चाइल्ड) कुसुम भट्ट जी द्वारा आये दिन होने वाले घटना चाइल्ड ट्रेफिकिंग के महत्वपूर्ण हानिकारक बिंदु समझाये गए कि किन किन कारणों से यह व्यापार बन चुका है, वही बच्चो को सुरक्षित रहने के भी गुर सिखाये गए।
इस अवसर पर शिक्षा से शिखर तक की अध्य्क्ष रजनी जोशी,चंद्रकला जी,नीतू जी,रेखा जी,राखी जी, रोटरी क्लब वैशाली से मंजू भदोला जी,पीयुष जी,अनुपमा जी,रचना जी,वृद्धि जी, विक्रम जी,उपस्थित रहे।
विशेष आभार स्कूल की प्रधानाचार्य संगीता बहुखंडी जी का जिन्होंने हमें जागरुकता अभियान मे अपना पूर्ण योगदान दिया।
कुसुम कंडवाल भट्ट